
दो मुस्लिम पति, फिर हिंदू लड़के से हो गया प्यार… तीन बच्चों की मां ने तीसरी शादी की तो शौहर बोला- खुदा तुम्हें माफ नहीं करेगा
एक मुस्लिम महिला, जिसने पहले दो शादियां की हैं और तीन बच्चों की मां है, ने हाल ही में एक हिंदू युवक से विवाह कर लिया है। यह अनोखा प्रेम प्रसंग समाज में काफी चर्चा का विषय बन गया है, खासकर जब महिला ने कहा कि वे अपनी मर्जी से शादी कर रहे हैं और किसी को भी अपने जीवन में दखलंदाजी करने का अधिकार नहीं है। इस जोड़े का एक वीडियो भी सोशल मीडिया पर वायरल हो गया है।
उत्तर प्रदेश के अमरोहा में घटित इस घटना से यह बात साबित होती है कि प्यार जाति, धर्म, रंग या उम्र की सीमाओं को नहीं जानता। इन दोनों ने एक-दूसरे के प्रति अपने प्रेम को अडिग रहने की कसम खाई है, और यही वजह है कि वे अपने रिश्ते को लेकर इतने दृढ़ हैं। हालांकि, उनके इस फैसले पर महिला के पहले पति ने प्रतिक्रिया दी है, जिसमें उन्होंने कहा कि भगवान उन्हें माफ नहीं करेगा।
यह कहानी आधुनिक रिश्तों की जटिलताओं और प्रेम के असीमित क्षितिज को दर्शाती है।
यह अनोखी प्रेम कहानी अब क्षेत्र में चर्चा का विषय बनी हुई है। दोनों के बीच धर्म का अंतर, उम्र में काफी फर्क, और यहां तक कि प्रेमिका पहले से ही शादीशुदा थी। लेकिन इसके बावजूद, उनकी लव स्टोरी शादी के सुखद परिणाम तक पहुंचने में कोई खास बाधा नहीं आई। विवाह के बाद उनका एक वीडियो भी सोशल मीडिया पर तेजी से फैल गया, जिसमें उन्होंने कहा कि कोई भी उनकी जिंदगी में हस्तक्षेप न करे। वे दोनों खुश हैं और अपनी मर्जी से एक साथ रहने की कसम खाकर शादी की है।
नाबालिग लड़का और उसकी पहले से शादीशुदा प्रेमिका सैदनगली थाना क्षेत्र के एक ही मोहल्ले में रहते हैं। उनकी प्रेम कहानी की शुरुआत मॉर्निंग वॉक से हुई। 17 वर्षीय शिवा सुबह की सैर पर…
हालांकि यह प्रेम कहानी प्रेरणादायक है, लेकिन यह विवादों से भी जुड़ी रही। महिला के पूर्व पति ने इस रिश्ते पर नकारात्मक प्रतिक्रिया दी और कहा कि “भगवान उन्हें माफ नहीं करेगा।” समाज के एक बड़े हिस्से में इस संबंध को लेकर असहजता है, विशेष रूप से धार्मिक, आयु और पूर्व विवाहित होने जैसे सामाजिक मुद्दों के कारण।
इसके बावजूद, इस जोड़े ने एक-दूसरे के प्रति अपने प्रेम और विश्वास को प्राथमिकता दी। वे अपने रिश्ते के प्रति इतने समर्पित हैं कि किसी भी सामाजिक आलोचना या विरोध को नजरअंदाज कर देते हैं।
यह कहानी न केवल प्रेम की शक्ति को दर्शाती है, बल्कि यह भी साबित करती है कि प्यार किसी धर्म, उम्र या अन्य सामाजिक बाधाओं से परे होता है।
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